निःसन्देह किसी अंचल विशेष की संस्कृति को उसकी वाचिक परंपरा से भली भांति समझा जा सकता है। पिछले दिनों भोपाल स्थित जनजातीय संग्रहालय के सभागार में निमाड़ प्रान्त की लोकसंस्कृति को रंग प्रयोगों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रृंखला में पारंपरिक लोक नाट्य ‘गम्मत’ के रसास्वादन के साथ समझने का सुअवसर मिला। श्री शोभाराम वासुरे के निर्देशन में पटेल-पटलन का मंचन निमाड़ी बोली की समग्रता का सौन्दर्य बोध करा गया। मण्डलेश्वर की खरगोन रोड के छप्पन देव के निवासी 62 वर्षीय शोभाराम जी की सांवरिया गम्मत मण्डली के लोक कलाकारों ने अपनी रचनात्मकता से पश्चिम भारत के निमाड़ लोकांचल की समृद्ध संस्कृति के दर्शन करा दिये। एक घण्टे की …