उज्जयिनी पुरातन काल से कला, शिक्षा, विद्या और धर्म का केंद्र रही है। कनकश्रन्गा, विशाला, कुशस्थली, अवन्ति, पद्यावती, अमरावती, प्रतिकल्पा नामों से अभिहित उज्जयिनी के पुरावैभव का अवलोकन करने का सुअवसर पिछले दिनों मिला। भूतभावन महाकाल की अधिष्ठान भूमि तथा भूमि पुत्र मंगल की जन्मभूमि उज्जयिनी की आस्थावान प्रणाम्य धरा के यूँ तो कई बार दर्शन किये हैं लेकिन इस बार पुरातात्विक दृष्टि से परिपूर्ण उज्जैन के प्राच्य सिंधिया शोध प्रतिष्ठान के संग्रहालय और अध्ययनशाला के दर्शन करने का मानस बना। उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय के विक्रम कीर्ति मंदिर में स्थित अनुशीलन संस्थान के रूप में स्थापित यह शोध संग्रहालय विश्वविद्यालय में अध्ययनरत …