महाराष्ट्र के औरंगाबाद में रात्रि विश्राम के उपारान्त दूसरा दिन सृष्टि में जो परम परात्पर हैं भुवनेश, जिनका अर्थ ही मंगलमय, कुशलक्षेम और मुक्तिप्रदाता है, की शिवार्चा के लिए नियत था अतः द्वादश ज्योतिर्लिंगों के अर्चा-विग्रहों के परिगणन में छठवें क्रमांक पर प्रतिष्ठित दिव्य भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग हमारी आध्यात्मिक यात्रा का अगला पड़ाव था। मध्य महाराष्ट्र की अप्रतिम प्राकृतिक सुषमा श्री भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग :शिव का छठवाँ दिव्य धाममें लोकस्तुत्य आध्यात्म की अलौकिक छटा के बीच शिव के लोकमंगल स्वरूप के दर्शन के हामी हों तो हमारी तरह भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग परिसर में समय व्यतीत कर आइये यकीन मानिये आप भी शिव की …