शिवमय स्पंदन की जागृत धरा : ओंकारममलेश्वर ज्योतिर्लिंग तीर्थ

ओंकारममलेश्वर तीर्थ ज्योतिर्लिंग महानगरीय जीविकोपार्जन से परिश्रांत (थकान) और यंत्रबद्ध जड़ता से जी जब उकता जाता है, तब भौतिकता के कल्मष को धोने के लिए मन कहीं दूर चलने को अकुलाता है। यों भी यात्राएं अपने भीतर और बाहर को भली-भांति झांकने (आत्मदर्शी बनाने) का उपयुक्त अवसर प्रदान करती हैं। यात्रा यदि तीर्थ की हो तो भगवत्प्राप्ति और अन्तःकरण की शुद्धि दोनों का ही मार्ग प्रशस्त करती है। अतः इस बार हमने द्वादश ज्योतिर्लिंगों की परिसंख्या में चतुर्थ क्रम में प्रतिष्ठित सात्वक शिवधाम श्री ओंकारममलेश्वर के दर्शन-स्तवन का कार्यक्रम बनाया। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से 263 कि.मी. दूर स्थित ओंकारेश्वर …

Continue Reading