बिहार की गोंडऊ लोकनाट्य शैली, बुंदेली लोकगान और असम के लोकनृत्य

बिहार का गोड़ऊ लोकनाट्य, बुंदेली लोकगान और असम की कथक गुरू मरामी मेंधी लोकनृत्य शैली देवधानी और ओझा पाली

बिहार प्रान्त की लोकनाट्य परंपरा, गोंड नाट्य शैली गोंड़ऊ, व्यंग्यात्मक संवाद, नृत्य की प्रधानता पिछले दिनों भोपाल स्थित जनजातीय संग्रहालय के दर्शनगृह में देश की लोकसंस्कृति और लोकांचलों के परिवेश की सुरम्यता को अनुभूत करने का अवसर मिला। रंग प्रयोगों के प्रदर्शन की साप्ताहिक श्रृंखला के अन्तर्गत बिहार प्रान्त की गोड़ऊ लोकनाट्य शैली में शिव-विवाह प्रसंग का रसमय मंचन हुआ वर्तमान में विलुप्त प्राय तीव्र गति से होने वाले अथवा हुड़का नृत्यों की बहुलता वाली इस शैली को बक्सर के प्रभुकुमार गोंड के निर्देशत्व में तैयार किया गया था। लगभग डेढ़ घण्टे की नृत्य संगीत और व्यंग्यात्मक वार्तालाप वाली यह  …

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