पंजाब की लोकनाट्य नकल चमोटा शैली, लोक नृत्य, और मालवा का कबीर गायन

पंजाब का लोक नृत्य, लोकनाट्य शैली, चमोटा, मालवा, कबीर, गायन, धर्म और संस्कृति

पंजाब प्रान्त की लोकनाट्य नकल परंपरा चमोटा शैली, नक्कालों का शानदार प्रदर्शन   लोकमानस की कल्पनाशीलता पर आश्रित लोकसाहित्य का वैशिष्ट्य ही है कि वह स्वयंप्रसूतता और स्वयंस्फूर्तता होता है जिसमें लोक गीत बादलों की भांति झरते हैं और घांस की तरह उपजते हैं। हाल ही में भोपाल स्थित जनजातीय संग्रहालय के प्रेक्षागृह में पंजाब की लोकनाट्य नक़ल परम्परा चमोटा शैली  में लोक संस्कृति के मूल्यों से रंजित ‘हीर रांझा’के चमत्कारिक प्रदर्शन को देखने का अवसर मिला। पंजाब के मालवा अंचल की मलवई उपबोली में लोक कलम से लिखे गये लोकप्रेम की निश्छलता लिऐ ‘हीर रांझा’की विशुद्ध प्रेमकथा को ख़ुशी मोहम्मद,सलीम …

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