शाजापुर जिले का इतिहास, कार्दमकवंशीय शक ,परमारकालीन क्षत्रपों की पुरातात्विक सम्पदा और लोक संस्कृति

भोपाल से शाजापुर तक 10वीं से 13वीं सदी में परमार नरेशों के सांस्कृतिक उन्नयन के प्रतिमान चप्पे-चप्पे पर  सूरज भल ऊगियो तुम जागो शंकर जी हो देव, तुम जागो हो ब्रह्म जी हो देव, तुम जागो विष्णु जी हो देव, सूरज भल ऊगियो रंग रातो जी दुनिया में हुओ उजास। मालवी भाषा की मिठास से पगी पंक्तियाँ इसलिए स्मृत हो आईं थीं क्योंकि आज हम पश्चिम मालवा के पुरातात्विक व ऐतिहासिक महत्व के स्थलों की जानकारियाँ एकत्रित करने के उद्देश्य से यात्रा पर निकले थे। उधर आकाश में धरती के उत्स में सम्मिलित होने के लिए सूर्य देव पटका बांधकर उद्यत …

Continue Reading