यात्रा की शुरुआत – देवास और सीहोर जिलों की सीमा (जिसे ग्रामीणजन सरहद्दी पुकारते हैं) में स्थित देवबल्ड़ा लीजिये! आकाश के सुन्दर क्षितिज पर आ विराजे सविता भगवान और हम भोपाल इंदौर राजमार्ग क्रमांक 18 पर भोपाल से 125 कि.मी. दूर स्थित विंध्यांचल पर्वत माला के नाभिस्थान और नेवज नदी के उद्गम स्थल देवबल्ड़ा के परमारकालीन मंदिर संकुल के अन्वीक्षण और मंदिर क्रमांक एक की पूर्णता के साक्षी बनने की उद्देश्य सिद्धि यात्रा पर निकल गए थे। देवास और सीहोर जिलों की परिमा (जिसे ग्रामीणजन सरहद्दी पुकारते हैं) में स्थित जावर तहसील के देवबल्ड़ा गांव का पहुँच मार्ग मालवा को श्रीसंपन्न बनाने वाली …
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ग्राम विहार : उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य की बहन सुन्दरा का गांव सुन्दरसी परमारकालीन वैभविक प्रमाणों से परिपूर्ण
यात्रा का प्रारम्भ : भोपाल से सुन्दरसी पहुँच मार्ग में अखंड सनातन सत्य सी ग्राम्य संस्कृति कभी-कभी अनजाने ठिकानों को हेरना (ढूँढना) बहुत भला लगता है, इसीलिए मुँह अँधेरे सूरज के जागने से पहले इस बार हम श्यामपुर, चांदबढ़ ,खजूरिया , चायनी,कालापीपल और जामनेर होते हुए SH 41 मार्ग पर छतनारे बबूल के हट्टे-कट्टे वृक्षों के बीच मालवांचल के गाँवों में अखंड सनातन सत्य सी ग्राम्य संस्कृति और तोतों-मोरों वाले भव्य नैसर्गिक विलास को निहारते हुए आगे बढ़े जा रहे थे। शाजापुर जिले के अंतर्गत आने वाला सुन्दरसी कस्बा हमारी गंतव्य स्थली था। हमने सुन रखा था ईसवी की प्रथम सदी में …