यात्रा का प्रारम्भ, भोपाल से सारंगपुर होते हुए नलखेड़ा का पहुँच मार्ग, मालवी संस्कृति और जन-जीवन चर अचर विश्व के रक्षक सूर्य देव के आगमन से पहले उनकी अग्रगामिनी रात्रि की बहन उषा का अवतरण हो चुका था और हम एक और नयी यात्रा पर निकल पड़े थे। यात्रा का उद्देश्य अवान्तिक्षेत्र की शाक्तोपासना त्रिस्थलियों उज्जैन जिले के करेड़ी में स्थित महिषासुरमर्दिनी माता, आगर मालवा जिले की नलखेड़ा वाली बगलामुखी माता और राजगढ़ जिले के भैंसवा कलाली स्थित बीजासन माता के मंदिरों की दर्शनाभिलाषा था। हम भोपाल से श्यामपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से नीलबड़, कलाखेड़ी, थाना दोराहा, सोनकच्छ, खजूरिया कलां, चायनी को लांघते …